Fascination About kismat ka upay

२. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे !

कर्म और भाग्य यदि समानांतर चलें तो इंसान रंक से राजा भी बन सकता है. कई बार ऐसा होता है कि अथक परिश्रम करने के बावजूद भाग्य आपका साथ नहीं देता है जिस कारण आप मनमुताबिक सफलता नहीं हासिल कर पाते हैं. लेकिन अगर आप अपने भाग्य को चमकाना चाहते हैं तो अपनाएं ज्योतिष के ये नियम और बन जाएं मुकद्दर के सिकंदर.

हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें ! ऐसा आप चार मंगलवार करें !

   वास्तु दोष के निवारण तथा प्रभावी उपाय

And what do you need to do whenever you get into hassle? Would you blame your luck, don’t you? Every one of us do and it seems to be probably the most pure reaction.

यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन here चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है !

शनिवार का दिन शनि भगवान का माना जाता है, इस दिन आपको काले अथवा नीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके साथ ही यदि आप भगवान शनि को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पीपल के नीचे हर शनिवार सरसों के तेल का एक दिया जलाएं. ऐसा करने से आपका भाग्य उदित होगा.

क्यों है बुध ग्रह को मजबूत करना ज़रूरी? 

मंदिर की सही दिशा ईशान कोण यानि कि उत्तर-पूर्वी दिशा मानी जाती है.

उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय ! प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी !

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !

सातवें भाव में गुरु है तो घर में मंदिर रखना या बनाना मतलब परिवार की बर्बादी समझे। कपड़ों का दान करना वर्जित। पराई स्त्री से संबंध न रखें। साधु और फकीरों से दूर रहें, उन्हें किसी भी प्रकार का दान न दें। सोए हुए सातवें घर के लिए शुक्र को जगाना होता है। शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है।

कर मूले तू गोविंदा प्रभाते कर दर्शनम्।।

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